क्या एक ही समय में हो सकते हैं कोरोना और फ्लू दोनों से संक्रमित?

क्या एक ही समय में हो सकते हैं कोरोना और फ्लू  दोनों से संक्रमित?

रोहित पाल

दुनियाभर में कोरोना के बढ़ते मामले रिकॉर्ड किए जा रहें हैं। वहीं फ्लू भी असामान्य रूप से धीमी गति से बढ़ रहा है। आमतौर पर नवंबर और दिसंबर के आसपास। लेकिन अभी इन्फ्लूएंजा का कुछ यानी बहुत कम प्रकोप देख रहे हैं। विशेषज्ञों ने अंदाजा लगाया है और उम्मीद की है कि ऐसा COVID-19 से लड़ने के लिए किए जा रहे उपायों के कारण है।

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लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि एक साथ दो महामारी का खतरा हमारे पीछे है। फ्लू आमतौर फरवरी के आसपास पीक पर होता है, इसलिए हमारे पास वायरस से लड़ने और COVID-19 को कम करने या खत्म करने का काफी समय है।

जैसा कि संक्रामक रोग विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है, दोनो माहमारी पहले से ही परेशान हमारे हेल्थ केयर सिस्टम पर दवाब डालेंगी। हमारी आबादी का एक बड़ा हिस्सा हफ्तों या महीनों में एक दूसरे के संक्रमण से बीमार हो सकते हैं और कुछ लोग तो एक साथ एक ही समय में दोनों संक्रमण की चपेट में आ सकते हैं।

यू.एस (U.S) यू.के (U.K) और चीन (China) में कुछ लोग पहले से ही दोनों वायरस से संक्रमित हैं। हालांकि यह जानकारी कम है कि वायरस एक दूसरे के साथ कैसे संपर्क करते हैं और एक साथ शरीर को कैसे प्रभावित करते हैं, शुरूआती जानकारी से पता चलता है जो लोग दोनों के एक साथ संपर्क में आते हैं उन्हें परेशानी हो सकती है।

कोई कैसे एक साथ दोनों वायरस के संपर्क में आ सकता है?

कोरोना वायरस और फ्लू यानी इन्फ्लूएंजा से एक साथ संक्रमण होने के बारे में जानने वाली पहली बात यह है कि ऐसा संभव हो सकता है क्योंकि दो वायरस शरीर अलग अलग हिस्सों को प्रभावित करते हैं। जब इनके द्वारा हमारी शरीर की कोशिकाओं को संक्रमित करने की बात आती है तब वो एक दूसरे से मुकाबला नहीं करते हैं।

स्टैनफोर्ड हेल्थ केयर के संक्रामक रोग विशेषज्ञ डीन विंसलो के अनुसार, इन्फ्लूएंजा के सह-संक्रमण पर कुछ सबूत बताते हैं कि एक छोटी विंडो मौजूद है जिसमें एक वायरल संक्रमण दूसरे वायरल संक्रमण को हमारी कोशिकाओं से जुड़ने से सफलतापूर्वक रोक सकता है। लेकिन यह विंडो बहुत छोटी और अप्रत्याशित (unpredictable) है।

इसलिए जबकि कुछ लोग सह-संक्रमण से बच सकते हैं अगर समय सही हो, वहीं दूसरे कुछ लोगों के साथ ऐसा नहीं होता। विंसलो ने कहा कि यह भी साफ नहीं है कि यह सुरक्षा केवल इन्फ्लूएंजा के स्ट्रेन के बीच मौजूद है या दूसरे वायरस जैसे कोरोना वायरस के साथ भी रखता है।

आम धारणा यह कि कोविड-19 और इन्फ्लूएंजा से एक साथ संक्रमित होना भयानक हो सकता है।

एरिज़ोना के टक्सन में COVID-19 मरीजों का इलाज करने वाले एक इंटर्निस्ट ( internist) मैथ्यू हेंज ने कहा कि उन्होंने कई रोगियों का इलाज किया, जो पहले फ्लू और दूसरे सामान्य कोरोना वायरस दोनों से संक्रमित थे। वे बदतर दिखते हैं, वे बदतर ध्वनि करते हैं  और उन्हें ठीक होने में अधिक समय लगता है।

शुरूआती आंकड़ों से पता चलता है कि कोविड-19 के साथ भी ऐसा ही होता है। यू.के. के एक अध्ययन में पाया गया कि सह-संक्रमित लोगों में आमतौर पर निराशाजनक परिणाम थे। दोनों वायरस से एक साथ संक्रमित होने वाले लोगों में मरने का खतरा उन लोगों की तुलना में दो गुना है जो सिर्फ कोविड-19 से संक्रमित हैं और उन लोगों से 6 गुना से ज्यादा है जो किसी भी वायरस से संक्रमित नहीं है।

फ्लू यानी इन्फ्लुएंजा भी कोरोना की तरह ही शरीर को नुकसान पहुंचा सकता है। क्योंकी दोनों के कारण खून में ऑक्सीजन का स्तर कम हो जाता है, सांस संबंधी समस्याएं और सूजन और जलन होती है।

वास्तव में इन्फ्लूएंजा और SARS-CoV-2 के सभी स्ट्रेन संभावित रूप से बहुत ही घातक संक्रमण हैं। विंसलो ने इस बारे में कहा, एक ही समय में दो संक्रमण संभावित रूप से inflammatory response को बहुत ज्यादा ख़राब कर सकते हैं। अतिसंवेदनशील लोगों में हर वायरस का खतरा उम्मीद से ज्यादा होता है, जैसे- बड़े-बुजुर्ग, और मोटापे, कैंसर और फेफड़ों की बीमारी से पीड़ित लोग।

इस मौसम में दोनों बीमारियों की जांच करवाएं

दोनों के लिए टेस्ट कराना बहुत जरूरी है। COVID-19 और इन्फ्लूएंजा दोनों का इलाज बिल्कुल अलग है और यह जरूर जानें कि दोनों संक्रमण का इलाज ठीक से हो रहा है। Ogbuagu ने कहा, डॉक्टर अभी भी सह-संक्रमण पर डेटा जुटा रहे हैं। रिसर्चरों को संदेह है कि सह-संक्रमणों के मामले कम रिकॉर्ड किये गए हैं।  इसका परिणाम बेहतर या बदतर है, यह समझने के लिए हमारे पास सह-संक्रमण के पर्याप्त मामले नहीं थे।

कुछ समय बाद हमें यह पता चला जाएगा कि दोनों वायरस का एक साथ संक्रमण अलग-अलग लोगों में कैसा असर करता है। अभी के लिए, स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि बताई गयी महामारी सुरक्षा सावधानियों का पालन करना ही दोनों संक्रमणों को रोकने का सबसे अच्छा तरीका है। सभी लोग मास्क पहनें, सोशल डिस्टेंशिंग का पालन करें और ज्यादा से ज्यादा सावधान रहें।

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